पति को नामर्द कहना माना जायेगा मानसिक क्रूरता ?
26 दिसंबर 2023
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार और नीना बंसल की खंडपीठ ने कहा
- दहेज की मांग , विवाहतेर संबंधों के आरोपों के साथ पति को नपुंसकता साबित करने के लिए मजबूर करना और उसे महिलावादी करार देना मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त हैं।
- यह फ़ैसला एक महिला द्वारा दायर अपील के जवाब में आया। जिसमे क्रूरता के आधार पर अपने पति को तलाक देने के 'पारिवारिक अदालत' के फेसले को चुनौती दी गयी ।
- 2000, में शादी करने वाले इस जोड़े का एक बेटा हैं। लेकिन जोड़े के विवाद शादी के थोड़े समय बाद ही शुरू हो गया था जिसकी वजह से वो दोनो साथ 13 महीने ही रह पाए
- सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए खंडपीठ ने महिला की याचिका को खारीज करते हुए कहा की -
- पति के खिलाफ पत्नी के आरोप अपमानजनक और निराधार थे।
- पति क्रूरता के कृत्यों का शिकार था, इससे वह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(ia) के तहत तलाक का हकदार हो गया।